शान्त सौम्य सुखकर संवत्सर नित्य नवीन काम्य औ रुचिकर भद्र विचार शील वाहक बन शुभ प्रकाश से भर अंतर्मन। सर्वजगत के मंगल कारण सबके जीवन का दुख हर मरण जरण का गहन तमस हर वरद हस्त तव, मस्तक पर धर। परि Apr 06, 2019 13